क़लम, दव़ात और ग़ुलाब……

आज दिल ने कहा – कुछ तब्दीलियों की चाहत है ,

अपनी जमीं और अपनी जुबाँ से मिले ग़र राहत है।

इक वीराने में कैक्टस के झुरमुटों के बीच खिला रहा मेरे दिल का गुलाब खिलाया है खिला ही रहे।

माना कि कैक्टस हैं काँटों से भरे,मेरे गुल़ाब भी है त़ेगदार अपनी हिफ़ाजत के लिये वो तने रहें।

क़िस्मत में दुश़्मन थे,हैं,और रहेंगे,स़िर मेरा तना था तना ही रहे।

नहीं झुकना है मुझे मेरे ग़ुनहगार के आगे,उसे आग लगती है तो लगी रहे।

मैने क़लम ब़गावत की स्याही में डुबो रखी हैं,कि क़ातिल का सिर क़लम हो तो ये स़िलसिला जारी रहे।

हाँ, आज मैं अपने पर हुये हर ज़ुल्म का हिसाब माँग रही हूँ बह़ीख़ाता-ए-म़ाजी में इक श़ै उभरती है उभरती रहे।

मेरी स्याही,क़लम मेरे गुल़ों की ख़ातिर है,कैक्टसों की बर्बादी होती है तो होती रहे।

कि घरों में गुलिस्ताँ होते हैं,काँटे बोने वाले के हिस्से ब़र्बादी के किस्से स़रेआम बयाँ होते हैं होते रहें।

या ख़ुदा मेरी आह़ का अस़र हो,ज़ालिम यूँ मर मर के जिये कि म़ौत को ना आये रहम़,यूँ मर मर के जीता रहे।

हाँ आज मैं अपनी आहों का अस़र देखूंगी कि ज़िगर से खून रिसता है रिसता रहे।

मेरी क़लम मेरे द़िल की आव़ाज है दुखती रग़ लिये कि कान किसी का ब़हरा हो होता रहे।

मेरी स्याही के आह़ों के समन्दर में मेरे क़ातिल की क़श्ती डूबती है तो डूबती रहे।

मेरे ख़ुदा!!आज आर पार की लड़ाई में होगा तम़ाशा दुनिया देखती है तो देखती रहे।

मेरा तुझे साथ देना होगा,आज आजमाना है तुझे,जितना भी तेरे ज़लवों में असर होता है होता रहे।

बेद़म हो गिरें मेरे दुश़्मन,कि मेरी इब़ादत सादगी सी ,कौन जीता है या मरता है, देखना है अस़र होता है होता रहे।

तेरी जन्नत को दोज़ख बनाने वाले ख़ुद दोज़ख की आग में जल मरें,मेरी त़ीर-ए-नज़र का यूँ ही असर होता है ,होता रहे।

Written by Aruna Sharma.28.04.2020

10.35PM

All copyright is reserved by Aruna Sharma.Image are taken from Google.

12 thoughts on “क़लम, दव़ात और ग़ुलाब……

  1. बहुत ही खूबसूरत रचना।

    तेरी जन्नत को दोज़ख बनाने वाले ख़ुद दोज़ख की आग में जल मरें,मेरी त़ीर-ए-नज़र का यूँ ही असर होता है ,होता रहे।

    Liked by 1 person

Leave a Reply

Please log in using one of these methods to post your comment:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s